दोस्त द्वार पैसे न लोटाने पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की प्रक्रिया.
अक्सर लोग दोस्ती में धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं और बात जब पैसों की आती है तो हो सकता है आगे जाकर आपकी दोस्ती पर प्रभाव पड़े, कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है ऊपर दिए गए सवाल में अक्सर लोग यही सवाल पूछते हैं कि अगर मैंने अपने दोस्त को पैसा उधार दिया है लेकिन जब मांगा तो उसने वापस नहीं किया बार-बार पैसा वापस मांगने पर भी वो पैसा वापस नहीं करता तो अगर आपका दोस्त पैसा वापस नहीं करता तो आप उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दायर कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी होता है।
आईए देखते है।
- आपके दोस्त ने शुरुआत से ही आपको धोका देने की मंशा से आपसे पैसे उधार लिया हो।
- आपके दोस्त ने आपको गलत जानकारी दी हो या झूठा वादा किया हो
- उसके कार्य से या उसकी बातो से यह साबित होता हो की वह आपको आपके पैसा वापस करने का इरादा कभी रखता ही नहीं था।
क्रिमिनल प्रोसीडिंग्स:
यदि आपके पास कोई ऐसा साक्ष्य मौजूद है जिससे यह साबित होता है कि आपके दोस्त ने लिया huva पैसा आपका दोस्त वापस नहीं करता और आपको धोखा दे रहा है, तो आप नया कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत धारा 318 के मुताबिक नजदीकी पुलिस स्टेशन में कंप्लेन दर्ज करवा सकते है। जो पुराने कानून इंडियन पीनल कोड की कलम 420 थी अब नए बीएनएस कानून की कलम 318 हो चुकी है।
सिविल प्रोसीडिंग्स:
ये भी हो सकता है कि आपके पास कोई साक्ष्य उपलब्ध न हो तो ऐसे में यह सिविल मामला बन जाता है। और आपके नजदीक की सिविल कोर्ट में मुकदमा दर करना पड़ेगा
लेकिन सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर करने से पहले आपको यह कार्यवाही करनी पड़ेगी,
लीगल नोटिस:
सबसे पहले किसी वकील से सलाह लेकर एक लीगल नोटिस भेजनी होगी, उसे लीगल नोटिस में पैसा वापस करने के लिए आपको दूसरे पक्ष को थोड़ा समय देना हगा।
और अगर वह यानी के आपका दोस्त समय सीमा के अंदर पैसा वापस करता है, तो फिर आपकी समस्या सॉल्व हो जाएगी और आपको कोई कानूनी कार्य नहीं करनी पड़ेगी लेकिन अगर वह निर्धारित किया हुआ समय में पैसा वापस नहीं करता तो आप वह समय की अवधि पूरी होने के बाद सिविल प्रोसीजर कोड के ऑर्डर 37 के मुताबिक सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसे मुकदमे को संक्षिप्त मुकदमा (summary suit/proceedings) कहा जाता है।
Thanks for your valuable response.